गुरुवार, 4 दिसंबर 2025 को ब्रिस्बेन के द गाबा के मैदान पर एक ऐसा पल आया, जिसे इंग्लैंड के क्रिकेट प्रशंसक अब तक जीवन भर याद रखेंगे। जो रूट ने अपनी 160वीं टेस्ट पारी में एक ऐसा शतक जड़ा, जिसके लिए उन्हें 12 साल का इंतजार करना पड़ा। 138 रन की नाबाद पारी, 206 गेंदों का सामना, 15 चौके और एक छक्का — यह सिर्फ एक शतक नहीं, बल्कि एक श्राप का टूटना था।
ऑस्ट्रेलिया में शतक का इंतजार क्यों इतना लंबा था?
रूट के लिए ऑस्ट्रेलिया हमेशा से एक चुनौती रही है। 2021 में गाबा में उनका 89 रन का सर्वोच्च स्कोर भी शतक तक नहीं पहुंच पाया था। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में 29 पारियां खेलीं, लेकिन हर बार जैसे ही शतक के करीब पहुंचते, कोई गेंदबाज या गेंद उन्हें रोक देता। इस बार भी शुरुआत बुरी रही — तीसरे ओवर में इंग्लैंड 5/2 पर था। लेकिन रूट ने बल्ला उठाया। और फिर क्या हुआ? मिशेल स्टार्क के तेज गेंदों, स्कॉट बोलैंड के स्पिन और माइकल नेसर के लेग स्पिन के बीच उन्होंने अपनी शांति बरकरार रखी।
एक शतक, एक इतिहास
यह रूट का करियर का 40वां टेस्ट शतक था — दुनिया के सभी बल्लेबाजों में से केवल दो ने इस आंकड़े को पार किया है। सचिन तेंदुलकर के बाद वह दूसरे नंबर पर हैं, 13,660 रनों के साथ। लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि वह टेस्ट क्रिकेट इतिहास में सबसे युवा बल्लेबाज बन गए हैं, जिन्होंने 40 शतक जड़े हैं। यह रिकॉर्ड पहले उन्हीं के पास था — अब उन्होंने खुद को और आगे बढ़ा दिया।
ऑस्ट्रेलिया में उनके 1,035 रन अब 38.33 की औसत के साथ आए हैं — एक ऐसी औसत जो अब उनके लिए बहुत अलग है। पिछले पांच साल में उन्होंने हर साल कम से कम दो शतक जड़े हैं। 2024 में छह, 2025 में अब तक चार। यह कोई आकस्मिक चमत्कार नहीं है। यह लगातार अभ्यास, आत्मविश्वास और एक ऐसी जिद है जो उन्हें टेस्ट क्रिकेट के सबसे बड़े रहस्यों को हल करने के लिए तैयार करती है।
इंग्लैंड की टीम के लिए क्या बदलाव आया?
जब रूट ने बल्लेबाजी शुरू की, तो इंग्लैंड की टीम टूटने के कगार पर थी। लेकिन उनकी शांत आत्मा ने टीम को रोक लिया। बेन स्टोक्स के नेतृत्व में टीम ने पहली पारी में 250+ रन बनाए। यह एक ऐसा स्कोर है जो ऑस्ट्रेलिया के लिए भारी है, खासकर जब वे डे-नाइट मैच में पिंक बॉल के साथ खेल रहे हों।
इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड के मुख्य चयनकर्ता ट्रेवर बेलिस ने कहा, "रूट ने कप्तानी छोड़ने के बाद भी टेस्ट क्रिकेट को अपनी जान बना लिया है।" और वास्तव में, उन्होंने 4,000 से अधिक रन और 16 शतक बनाए हैं — बिना किसी बर्तन के, बस अपनी बल्लेबाजी के साथ।
ऑस्ट्रेलियाई प्रतिक्रिया: शांत लेकिन सम्मान
ऑस्ट्रेलियाई कोच एंड्रयू मैकडॉनाल्ड ने बाद में कहा, "उन्होंने बेहतरीन बल्लेबाजी की। दबाव के बीच भी उनकी शांति अद्भुत थी।" यह बयान एक विशेष बात बताता है — ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी जो रूट के खिलाफ बोल रहे थे कि "वह इस सीरीज में कुछ नहीं कर पाएंगे" — अब उनके मुंह पर ताला लग गया है।
ब्रेंडन मैकुलम, इंग्लैंड के मुख्य कोच, ने एक बात स्पष्ट की: "यह शतक किसी आशीर्वाद से नहीं, बल्कि रोजाना की बारिश से आया है।" और वास्तव में, रूट की तैयारी का तरीका अलग है। वह गेंदबाजों की गति, वायु दबाव, बॉल की चमक और ग्राउंड की सतह के बारे में डिटेल्स नोट करते हैं — जैसे कोई वैज्ञानिक एक प्रयोग को तैयार कर रहा हो।
अगले कदम: एशेज का भाग्य कैसे बदलेगा?
अगले दिन ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पारी शुरू की। उनके लिए अब यह सवाल है — क्या वे रूट के शतक के बाद अपनी टीम को बचा सकते हैं? या क्या यह शतक एक नए रुझान की शुरुआत है — जहां इंग्लैंड ऑस्ट्रेलिया के घर पर भी जीत की बात कर सकता है?
रूट ने कभी नहीं कहा कि वह ऑस्ट्रेलिया में शतक बनाने के लिए आया है। उन्होंने कहा था, "मैं बस अपनी बल्लेबाजी करना चाहता हूं।" और इसी निष्ठा ने उन्हें इतिहास बना दिया।
रूट का टेस्ट इतिहास: कुछ आंकड़े
- 160 टेस्ट मैच, 13,660+ रन (दूसरे स्थान पर)
- 40 शतक, 66 अर्धशतक — दुनिया के सबसे युवा बल्लेबाज जिन्होंने 40 शतक बनाए
- ऑस्ट्रेलिया में 1,035 रन, 1 शतक, 9 अर्धशतक
- टेस्ट क्रिकेट में सर्वोच्च स्कोर: 262 (न्यूजीलैंड, 2022)
- 2021 से 2025 तक: 23 शतक (औसतन सालाना 4.6)
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
जो रूट ने ऑस्ट्रेलिया में पहला शतक क्यों नहीं बनाया था?
रूट के लिए ऑस्ट्रेलिया का मैदान हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है — तेज गेंदबाज, तेज ग्राउंड और भारी दबाव। 2021 में गाबा में उनका 89 रन का स्कोर उनकी बेहतरीन पारी थी, लेकिन शतक तक नहीं पहुंचा। उनकी बल्लेबाजी में अक्सर शुरुआत अच्छी होती, लेकिन आखिरी चरण में गेंदबाज उन्हें रोक देते। यह एक मानसिक बाधा थी, जिसे अब वे तोड़ चुके हैं।
क्या यह शतक इंग्लैंड की एशेज सीरीज जीतने में मदद करेगा?
हां। रूट का यह शतक इंग्लैंड की आत्मविश्वास को बहुत बढ़ाता है। ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट मैच जीतने के लिए एक बड़ी पारी जरूरी होती है, और रूट ने उसे बना दिया। अगर वे अगले दो मैचों में भी ऐसी ही बल्लेबाजी करते हैं, तो इंग्लैंड की टीम एशेज जीतने के लिए बहुत करीब है।
रूट के बाद कौन टेस्ट में 40 शतक लगाने के करीब है?
अभी कोई नहीं। रिकॉर्ड धारक सचिन तेंदुलकर के 51 शतक हैं। दूसरे नंबर पर रूट हैं, और तीसरे नंबर पर रिकी पोंटिंग (71 टेस्ट मैच में 33 शतक)। अब तक कोई भी बल्लेबाज 40 शतक नहीं लगा पाया है जो रूट की उम्र से कम हो। यह रिकॉर्ड अब अन्य बल्लेबाजों के लिए असंभव लग रहा है।
रूट की बल्लेबाजी की खासियत क्या है?
उनकी बल्लेबाजी में शांति और बिना शोर के आक्रमण है। वे जल्दबाजी नहीं करते, गेंद की गति को पढ़ते हैं और फिर अपने शॉट्स बनाते हैं। उनके 15 चौके और एक छक्का आज बिना अत्यधिक जोखिम लिए आए — यह उनकी बुद्धिमत्ता का परिणाम है। उनकी तैयारी और गेंदबाजों का विश्लेषण उन्हें दुनिया के सबसे अच्छे बल्लेबाजों में बनाता है।
क्या रूट अब टेस्ट क्रिकेट से रिटायर हो सकते हैं?
नहीं। रूट ने अपने करियर के बारे में कभी रिटायरमेंट की बात नहीं की है। वे कहते हैं कि टेस्ट क्रिकेट उनकी जान है। अब जब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में शतक बना लिया है, तो उनका अगला लक्ष्य शायद टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक रन बनाना है — जो सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड को पार करना होगा।
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17 टिप्पणि
Boobalan Govindaraj
भाई ये शतक देखकर लगा जैसे कोई अपने सपनों को जिंदा कर रहा हो। जो रूट ने जो तोड़ा वो सिर्फ 12 साल का श्राप नहीं बल्कि अपने अंदर का डर था। इंग्लैंड के लिए ये बहुत बड़ी बात है।
mohit saxena
देखो ये बात है ना जब कोई बल्लेबाज इतने सालों तक एक ही जगह पर शतक नहीं बना पा रहा हो तो उसके मन में एक बाधा बन जाती है। रूट ने उसे तोड़ दिया। अब ये शतक उसके लिए सिर्फ रन नहीं बल्कि आत्मसाक्षात्कार है।
Sandeep YADUVANSHI
अरे ये तो बस एक शतक है जो रूट ने बनाया। तेंदुलकर के 51 शतकों की बात करो तो ये तो बच्चों का खेल है। अभी तक तो इंग्लैंड की टीम भी ऑस्ट्रेलिया में जीत नहीं पाई। इस शतक को बड़ा बनाने की कोशिश बहुत बेकार है।
Vikram S
यहाँ तो बस एक शतक के चक्कर में लोग भूल गए कि ऑस्ट्रेलिया ने अभी तक इंग्लैंड को 10 बार से ज्यादा घर पर हराया है... रूट का शतक बड़ा है? ठीक है... लेकिन इंग्लैंड की टीम का औसत 220 है और ऑस्ट्रेलिया का 320... ये तुलना कैसे हो रही है? लोग तो रिकॉर्ड देखकर भूल जाते हैं कि टीम की जीत का फैसला कौन करता है?
nithin shetty
रूट की बल्लेबाजी देखकर लगता है जैसे वो गेंद को पढ़ रहा हो... नहीं बल्कि गेंदबाज के मन को। उसके शॉट्स में कोई जल्दबाजी नहीं... बस एक शांत गहराई है। ये जो हुआ वो एक बल्लेबाज का जीतना नहीं बल्कि एक विचारक का जीतना है।
Aman kumar singh
दोस्तों ये शतक सिर्फ रूट का नहीं है... ये हर उस भारतीय का है जिसने कभी किसी के लिए खुद को छोटा नहीं समझा। हम जिस देश से आते हैं वो दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट दर्शकों का है... और आज हमने देखा कि एक अंग्रेज खिलाड़ी हमारी भावनाओं को कैसे छू गया। धन्यवाद जो रूट।
UMESH joshi
इस शतक के पीछे एक बड़ा सवाल है - क्या हम अपने डर को तोड़ पाते हैं या हम उसे अपने नाम के साथ जोड़ लेते हैं? रूट ने डर को तोड़ा... और उसके बाद शतक आ गया। ये तो बल्लेबाजी की बात नहीं... ये जीवन की बात है।
pradeep raj
अगर हम रूट की बल्लेबाजी के आंकड़ों को विश्लेषण करें तो हम देखेंगे कि उनकी औसत बढ़ने की दर ऑस्ट्रेलिया में 2021 के बाद से 37.8% तक बढ़ गई है, जो उनके गेंदबाजी विश्लेषण और फिजिकल प्रपैरेशन में हुए सुधारों का परिणाम है। उनके नोट्स में ग्राउंड की सतह के तापमान, बॉल की चमक और वायु दबाव के आंकड़े शामिल हैं, जो एक वैज्ञानिक अभ्यास की तरह है। यह अत्यधिक व्यवस्थित दृष्टिकोण ही उन्हें एक शतक बनाने में सक्षम बनाता है।
Vishala Vemulapadu
ये शतक बड़ा है? अरे भाई, तेंदुलकर ने तो ऑस्ट्रेलिया में तीन शतक बनाए थे। और रूट का ये शतक भी तो बस 138 रन का है। जब तक वो अपने टेस्ट करियर में 300 रन का शतक नहीं बनाता, तब तक ये बड़ा नहीं कहलाएगा।
M Ganesan
ये सब बातें बस धोखा है। रूट को ऑस्ट्रेलिया में शतक बनाने दिया गया क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई टीम ने जानबूझकर उसे बचा लिया ताकि इंग्लैंड को एक रिकॉर्ड दिया जा सके। ये सब एक प्रचार अभियान है। तुम लोग इसे देखकर खुश हो रहे हो, लेकिन ये बस एक बड़ा नाटक है।
ankur Rawat
रूट ने बस बल्ला उठाया और चल पड़ा... न कोई शोर न कोई ड्रामा। जैसे कोई नदी बह रही हो - शांत, लगातार, अटल। इस दुनिया में जितने लोग खुद को बड़ा बताते हैं, उतने ही छोटे होते हैं। रूट ने बिना कुछ कहे इतिहास बना दिया।
Vraj Shah
वाह भाई ये शतक तो बहुत अच्छा लगा। रूट तो बस अपना काम कर रहा था... बिना बोले बिना शोर किए। इंग्लैंड के लिए ये बहुत बड़ी बात है। अब देखते हैं अगले मैच में क्या होता है।
Kumar Deepak
ऑस्ट्रेलिया में शतक बनाना... ये तो बस इंग्लैंड के लिए एक शानदार बुक रिव्यू है। जब तक वो विकेट नहीं लेते, तब तक ये शतक बस एक गैर-जरूरी बात है। असली जीत तो टीम की होती है, न कि एक बल्लेबाज की।
Ganesh Dhenu
ये शतक देखकर लगा जैसे कोई अपने अतीत के साथ शांति कर रहा हो। रूट ने नहीं कहा कि वो ऑस्ट्रेलिया के लिए आया है... बस अपने बल्ले के साथ चल पड़ा। इसी शांति में इतिहास बनता है।
Yogananda C G
ये शतक बड़ा है... बहुत बड़ा... बहुत बहुत बड़ा... इससे बड़ा क्या हो सकता है? क्या आपने कभी किसी को इतने सालों तक एक शतक के लिए लड़ते देखा है? ये तो जीवन है... जीवन का एक अद्भुत उदाहरण है... जिसे हम सिर्फ रनों में नहीं, बल्कि आत्मा में देखना चाहिए... बहुत बड़ी बात है...
Divyanshu Kumar
जो रूट ने जो तोड़ा वो श्राप नहीं बल्कि एक ऐतिहासिक अवसर था। उनके इस शतक के बाद टेस्ट क्रिकेट का नया अध्याय शुरू हो गया है। यह एक ऐसा पल है जिसे हम अपने बच्चों को समझाएंगे।
Arjun Kumar
ये शतक बड़ा है? अरे भाई, रूट ने तो ऑस्ट्रेलिया में बस एक शतक बनाया है... लेकिन इंग्लैंड की टीम अभी तक ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट मैच नहीं जीत पाई। ये शतक तो बस एक अलग बात है।
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