बर्मिंघम के एडजबैस्टन क्रिकेट ग्राउंड पर शुक्रवार, 3 जुलाई 2025 को दूसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन का अंत हुआ — और भारत ने इंग्लैंड को जमकर धूल चढ़ा दी। शुभमन गिल ने 312 गेंदों में 269 रन बनाकर टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में एक नया अध्याय लिख दिया। ये पारी सिर्फ एक बड़ी पारी नहीं, बल्कि भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान के तौर पर एडजबैस्टन पर बनाई गई सबसे बड़ी पारी थी। पहले इस रिकॉर्ड को 2002 में सौरव गांगुली ने 176 रनों से बनाया था। आज गिल ने उसे तोड़ दिया — और भारत को 358 रनों का लाभ दिलाया।
गिल की शानदार पारी: एक बारिश जैसा आक्रमण
गिल ने बस बल्ले से नहीं, बल्कि धैर्य, तकनीक और आक्रामकता के मिश्रण से इंग्लैंड की गेंदबाजी को बेकार साबित किया। 28 चौके और 5 छक्के — ये सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि एक अभियान था। उन्होंने अपनी पारी के अंत तक कोई गलती नहीं की। ये पारी एक अकेले बल्लेबाज की नहीं, बल्कि एक कप्तान की नेतृत्व की भावना से भरी थी। जब टीम को बड़ा स्कोर चाहिए था, तो गिल ने अपने बल्ले से टीम को बचाया। उनकी ये पारी एडजबैस्टन के इतिहास में अब एक मील का पत्थर बन गई है।
इंग्लैंड का बल्लेबाजी संकट: शुरुआत अच्छी, अंत खराब
इंग्लैंड की शुरुआत बहुत अच्छी रही। ज़ाक क्रॉली और बेन डकेट ने 98 रन की शुरुआती भागीदारी की — ये इंग्लैंड के लिए इस मैच में सबसे बड़ी भागीदारी थी। क्रॉली ने 62 रन बनाए, डकेट ने 57। लेकिन फिर भारतीय गेंदबाजी ने एक बार फिर अपनी ताकत दिखाई।
जसप्रीत बुमराह ने 22 ओवर में 5 विकेट लेकर 67 रन दिए — ये उनकी टेस्ट क्रिकेट में एडजबैस्टन पर पहली पांचविकेट थी। मोहम्मद सिराज ने 3 विकेट लिए, अकाश दीप ने 2। इंग्लैंड के बल्लेबाज जल्दी अपनी शुरुआती आत्मविश्वास खो बैठे। जो रूट (33 रन) और ओली पोप (25*) जैसे अनुभवी खिलाड़ियों को भी अच्छा नहीं चला।
बेन स्टोक्स का विकेट लेने का अद्भुत प्रदर्शन
इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने भारत की पारी में 5 विकेट (98 रन) लेकर इतिहास रचा — वो पहले इंग्लैंड के कप्तान बने जिन्होंने एडजबैस्टन पर भारत के खिलाफ पांच विकेट लिए। लेकिन ये अकेला प्रदर्शन नहीं बचा सका। जब टीम के बाकी बल्लेबाज बाहर हो गए, तो उनकी बल्लेबाजी की ताकत भी कमजोर पड़ गई। उनके लिए ये विकेट एक अच्छा रिकॉर्ड है, लेकिन टीम के लिए ये एक खाली आंकड़ा बन गया।
भारत की गेंदबाजी: एक बार फिर अपनी ताकत
भारत की गेंदबाजी ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को बिल्कुल भी आराम नहीं दिया। बुमराह की गेंदबाजी ने न सिर्फ विकेट लिए, बल्कि बल्लेबाजों के मन में डर भी पैदा किया। सिराज ने लेग साइड की गेंदों से क्रॉली को बाहर किया। अकाश दीप की तेज गेंदों ने डकेट और रूट को फंसाया। ये टीम ने सिर्फ गेंदबाजी नहीं, बल्कि दबाव बनाया।
इंग्लैंड के लिए शोएब बशीर ने 15 ओवर में सिर्फ 38 रन देकर 1 विकेट लिया — ये उनकी सबसे अच्छी गेंदबाजी थी। लेकिन एक अकेले ऑफ-स्पिनर की ताकत नहीं, बल्कि टीम की ताकत बदलती है।
एडजबैस्टन का खेल: बल्लेबाजी का गुर
एडजबैस्टन पर 350+ रन बनाने वाली टीम ने पिछले 15 सालों में 78% मैच जीते हैं। 2018 में भारत ने 321 रन बनाए थे और हार गए थे — लेकिन आज ये अलग कहानी है। गिल की पारी ने टीम को एक ऐसा लाभ दिया जिसे इंग्लैंड के लिए उलटना लगभग असंभव है।
भारत की पारी का अंत 358 रन पर हुआ। इंग्लैंड को फॉलो-ऑन से बचने के लिए 158 रन चाहिए थे। लेकिन वो 225 रन पर 8 विकेट पर आ गए — यानी फॉलो-ऑन का खतरा खत्म हो गया। अब भारत के पास दो विकेट बचे हैं, और इंग्लैंड को अपनी पारी लंबी करनी होगी।
अगले दिन का चुनौती: इंग्लैंड के लिए बचने का रास्ता
तीसरे दिन की शुरुआत बहुत अहम होगी। इंग्लैंड के लिए अब लक्ष्य ये नहीं कि वो 358 रन पार करें — बल्कि ये है कि वो 400+ रन बनाएं। अगर वो 250 रन से ऊपर जाते हैं, तो भारत को अपनी दूसरी पारी के लिए अच्छी शुरुआत करने का मौका मिलेगा।
मौसम का अनुमान है कि तीसरे दिन 20% बारिश की संभावना है। अगर बारिश होती है, तो पिच पर नमी बन सकती है — जिससे गेंदबाजों को फायदा हो सकता है। लेकिन अगर धूप निकल गई, तो बल्लेबाजों को बहुत आराम मिलेगा।
पाटौडी ट्रॉफी: जीत का इतिहास
ये मैच पाटौडी ट्रॉफी का हिस्सा है — जो भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज का नाम है। ये ट्रॉफी 1970 के बाद से दिया जाता है, और इसका नाम भारत के पूर्व कप्तान मनसूर अली खान पाटौडी के नाम पर है। इस सीरीज के जीतने वाली टीम को ICC विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप में 12 अंक मिलते हैं।
भारत अभी ICC रैंकिंग में दूसरे स्थान पर है (117 रेटिंग पॉइंट्स), जबकि इंग्लैंड पांचवें स्थान पर (98 रेटिंग पॉइंट्स)। इसलिए ये मैच सिर्फ एक टेस्ट नहीं, बल्कि एक रैंकिंग लड़ाई भी है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
शुभमन गिल की ये पारी किस रिकॉर्ड को तोड़ रही है?
शुभमन गिल ने एडजबैस्टन पर भारतीय कप्तान की तरह सबसे अधिक रन बनाए — 269 रन, जो पहले सौरव गांगुली के 176 रन के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। ये सिर्फ एक बड़ी पारी नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जिसे किसी भारतीय कप्तान ने पहले कभी नहीं बनाया था।
भारत को फॉलो-ऑन क्यों नहीं करना पड़ा?
फॉलो-ऑन का नियम है कि अगर दूसरी टीम पहली टीम के स्कोर से 200 रन कम बनाती है, तो वह फॉलो-ऑन कर सकती है। भारत ने 358 रन बनाए, इसलिए इंग्लैंड को 158 रन बनाने थे। लेकिन इंग्लैंड 225 रन पर आ गया — यानी फॉलो-ऑन का लक्ष्य पार कर चुका था।
बुमराह और स्टोक्स के बीच क्या अंतर है?
बुमराह ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को नियंत्रित किया — 5 विकेट के साथ 67 रन दिए। स्टोक्स ने भारत के बल्लेबाजों को रोका — 5 विकेट के साथ 98 रन दिए। दोनों ने अपनी टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन बुमराह की पारी ने टीम को जीत का रास्ता दिखाया।
एडजबैस्टन का पिच कैसा होता है?
एडजबैस्टन का पिच शुरुआत में तेज गेंदबाजों के लिए अनुकूल होता है, लेकिन चार-पांच दिन के बाद बल्लेबाजों के लिए आरामदायक हो जाता है। इसलिए जो टीम पहले बल्लेबाजी करती है और 350+ रन बनाती है, उसके जीतने की संभावना 78% होती है।
अगले मैच का अहमियत क्या है?
अगर भारत इस मैच जीत जाता है, तो ये सीरीज में 1-0 से आगे निकल जाएगा — जो भारत के लिए बहुत बड़ा फायदा होगा। इंग्लैंड के लिए ये मैच बचाना जरूरी है, वरना वो अपनी रैंकिंग खो सकते हैं। इसलिए तीसरे दिन का खेल बहुत नाजुक है।
क्या बारिश इस मैच को प्रभावित कर सकती है?
हां, अगर तीसरे दिन बारिश होती है, तो पिच पर नमी बन सकती है — जिससे गेंदबाजों को फायदा हो सकता है। इंग्लैंड के लिए ये एक अच्छा मौका हो सकता है, लेकिन अगर बारिश बहुत ज्यादा होती है, तो मैच रद्द भी हो सकता है। ये एक बड़ी चुनौती है।
टिप्पणि
1 टिप्पणि
Khagesh Kumar
गिल की पारी देखकर लगा जैसे कोई बारिश का बादल टूट गया हो। बिना किसी झटके के, बिना किसी गलती के। ये न सिर्फ रन थे, ये एक अहसास था कि भारत का क्रिकेट अब दूसरे लेवल पर पहुंच गया है।
बुमराह की गेंदें भी बिल्कुल लक्ष्य पर थीं। इंग्लैंड के बल्लेबाज बस घबरा गए।
एक टिप्पणी लिखें