सनोज मिश्रा को मिली जमानत, कोर्ट ने जताई शिकायत पर शंका
फिल्म निर्देशक सनोज मिश्रा का नाम पिछले कुछ महीनों में लगातार चर्चा में रहा है। ताजा मामला तब सामने आया जब दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें रेप केस में जमानत दे दी। कोर्ट ने खास तौर पर कहा कि यह केस 'झूठी शिकायत' जैसा नजर आता है। गौरतलब है कि मिश्रा को मार्च 2025 में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था, पहले उनकी बेल याचिका खारिज हो गई थी।
28 साल की एक महिला, जो अभिनेत्री बनने का सपना देख रही थी, उसने मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाए थे। महिला का कहना था कि 2020 में सोशल मीडिया के जरिए उनकी जान-पहचान हुई थी। इसके बाद मिश्रा ने शादी और करियर के सपने दिखाकर उसके साथ न सिर्फ संबंध बनाए बल्कि उसे नशा देकर उसकी अश्लील वीडियो बनाई, ब्लैकमेल किया और कई बार गर्भपात के लिए मजबूर किया। महिला ने यह भी कहा कि मिश्रा ने उसे मुंबई बुलाकर एक झूठे रिश्ते में फंसा दिया। चार साल तक चले इस कथित रिश्ते के दौरान लगातार शोषण हुआ।
मामले की जांच के दौरान कोर्ट को महिला के आरोपों में कई किस्सों और तारीखों को लेकर विरोधाभास नजर आया। इसी वजह से कोर्ट ने टिप्पणी की कि यह 'झूठी रिपोर्ट' जैसा मामला लगता है और मिश्रा को जमानत मिलनी चाहिए। हालांकि, मामले की विस्तार से सुनवाई आगे भी जारी रहेगी।
मोनालिसा और सनोज मिश्रा की वायरल कहानी
सनोज मिश्रा का नाम चर्चा में तभी से है जब उन्होंने प्रयागराज की 16 साल की फूलवाली मोनालिसा को अपनी फिल्म 'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' के लिए साइन किया। मोनालिसा इस साल कुंभ मेले के दौरान अचानक सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थीं। मिश्रा खुद प्रयागराज जाकर मोनालिसा से मिले थे और उन्हें फिल्मों में ब्रेक देने की बात कही थी।
मोनालिसा के करीबी सूत्रों के मुताबिक, वो अपना पहला वीडियो एलबम जल्द लॉन्च करने वाली हैं। फिलहाल इस एलबम से जुड़ी कोई पुख्ता जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन मोनालिसा की लोकप्रियता और मिश्रा की फिल्म ऑफर ने उसे फिर से सुर्खियों में ला दिया है।
- सनोज मिश्रा का केस कोर्ट में अब भी जारी है, लेकिन उन्हें अंतरिम राहत मिल गई है।
- शिकायतकर्ता महिला के मुताबिक, मिश्रा ने प्रलोभन एवं वादों के जरिए उसका शोषण किया।
- कोर्ट ने मामले में कई असंगतियां पाई, जिससे आरोप संदिग्ध लगे।
- मोनालिसा के वीडियो एल्बम का इंतजार उनके फैंस बेसब्री से कर रहे हैं।
फिल्म इंडस्ट्री में इस तरह के आरोप-प्रत्यारोप नई बात नहीं हैं, लेकिन सच्चाई तक पहुंचने के लिए जांच और सुनवाई की प्रक्रिया का ईमानदार इस्तेमाल जरूरी है।
एक टिप्पणी लिखें