जब इंग्लैंड क्रिकेट टीम ने 12 सितम्बर 2025 को ऑल्ड ट्रॉफर्ड, मैन्चेस्टर में साउथ अफ्रीका क्रिकेट टीम के खिलाफ 304/2 बनाए, तो यह सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि T20 अंतरराष्ट्रीय इतिहास में तीसरी बार 300‑रन की दीवार को तोड़ने वाला प्रदर्शन बन गया। इस अतिरंजित स्कोर का मुख्य कारण था फिल सॉल्ट का 57 गेंदों में 119 रन का ध्वस्त‑शॉट, जिसने मैच के टैंपो को 150‑से‑अधिक स्ट्राइक‑रेट पर धकेल दिया।
इतिहास में सबसे बड़े T20 स्कोर
सबसे बड़ा टीम‑स्कोर अभी भी ज़िम्बाब्वे क्रिकेट टीम के पास है, जिसने 4 नवंबर 2025 को नैरोबी (केन्या) में गैंबा क्रिकेट टीम के खिलाफ 344/4 परखा। यह रिकॉर्ड पहले आयरलैंड के 327/4 से भी बेहतर था।
इंग्लैंड का 304/2 अब सिर्फ तीसरा उदाहरण है जहाँ कोई टीम 300‑रन की सीमा को पार कर पाई है, दूसरे दो थे भारत (2024 में 308/4) और ऑस्ट्रेलिया (2023 में 311/3)। यह दर्शाता है कि आजका T20 क्रिकेट कितनी तेज़ी से बदल रहा है—फ्लैट पिच, छोटी सीमाएँ और आक्रमणात्मक बैटिंग रणनीति ने स्कोरिंग को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है।
इंग्लैंड का 304‑रन जंगली प्रदर्शन
ऑल्ड ट्रॉफर्ड के मैदान में पिच बेहद बिन‑इशारा थी; कछुए की तरह चलने वाले बॉल्स को भी गेंदबाज़ों ने लेग‑स्पिन से मोड़ दिया लेकिन उससे भी ज़्यादा मदद बैट्समैन को हुई। इस पिच पर फिल सॉल्ट ने 57 गेंदों में 119 रन बनाए, जिसमें 14 चौके और 9 छह शामिल थे। उनकी इस इन्फ़िनिटी‑जैसी इंट्रीट ने इंग्लैंड को जल्दी ही 10 ओवर में 180 रन तक ले जाया।
उसके बाद जो मोवर ने 45 गेंदों में 70 रन बनाए, और डेमियन बॉलिंग ने 40 गेंदों में 55* जोड़े, जिससे इंग्लैंड ने कुल मिलाकर T20 रिकॉर्ड का खिताब हासिल किया। साउथ अफ्रीका कम्जोरी बॉलिंग और धीमी फील्डिंग के कारण नहीं, बल्कि इंग्लैंड की लगातार रफ्तार को रोक नहीं पाए। उनका कुल स्कोर 304/2 पर समाप्त हुआ और साउथ अफ्रीका को 56 रन से हराया।
भारत का 297‑रन झटका
इसी दशक में 12 अक्टूबर 2024 को, भारत क्रिकेट टीम ने राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम, हैदराबाद पर 297/6 का भारी स्कोर बनाया, जो बांग्लादेश के खिलाफ खेला गया। इस झटके का मुख्य कारण संजु सामसन का 47 गेंदों में 111 रन था, जिसमें 12 छह और 7 चार शामिल थे। उनका साथी सूर्यकुमार यादव ने 35 गेंदों में 75 रन बनाए, जिससे भारत का स्कोररेंट लगभग 15 रन प्रति ओवर पर पहुंच गया।
यह जीत भारत को 3-0 सीरीज जीत दिलाने के साथ-साथ T20 में 300‑रन के करीब पहुंचाने वाला दूसरा बड़े स्तर का स्कोर था। बांग्लादेश को 45 रन की चोट पर जीत मिली, और यह प्रदर्शन भारतीय बैटिंग लाइन‑अप की निरंतर प्रगति को सिद्ध करता है।
आईपीएल 2025 की हाई‑स्कोरिंग फ़ेनॉमेना
सेंडर सन्स (Sunrisers Hyderabad) ने आईपीएल 2025 में लगातार उच्च स्कोर पेश किए: 23 मार्च 2025 को राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ 286/6, 12 अप्रैल को पंजाब किंग्स के खिलाफ 247/2, और 25 मई को कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ 278/3। इन स्कोरों ने न केवल टीम की आक्रमणात्मक रणनीति को उजागर किया, बल्कि इस बात को भी दिखाया कि आजके टी‑20 लीगों में बाउंड्री‑हिटिंग को नई ऊँचाइयों तक ले जाना आम बात बन चुकी है।
राजस्थान रॉयल्स ने अपनी ही पेचीदा बैटिंग के साथ 23 मार्च को 242/6 बनाया, जिससे दोनों टीमों के बीच स्कोर का अंतर बहुत कम रहा और मैच बहुत ही रोमांचक बना। इस तरह के हाई‑स्कोरिंग मैचों ने दर्शकों की उत्सुकता को भी बढ़ा दिया, स्टेडियम में टिकट की कीमतें औसत से 30% अधिक रही।
आईसीसी की 2025 रैंकिंग अपडेट में नई कहानी
आगे चलकर 1 जनवरी 2025 को इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने अपना पहला साप्ताहिक रैंकिंग अपडेट जारी किया। इस अपडेट में पैट कमिंस को ऑल‑राउंडर सूची में करियर‑बेस्ट तृतीय स्थान मिला, जहाँ उनका रेटिंग 837 अंक था। उनका बैटिंग स्कोर 49 और 41 और दोनों इनिंग में तीन‑तीन विकेट लेकर उन्हें इस ऊँचे स्थान तक पहुँचाया।
दूसरी तरफ, सऊद शकेल ने टेस्ट बैटिंग रैंकिंग में छठा स्थान हासिल किया, जबकि मार्को जैनसन ने पाचवाँ स्थान प्राप्त किया। इन बदलावों ने दिखाया कि टेस्ट फॉर्मेट में भी तेज‑गति की बैटिंग और बहु‑आयामी बॉलिंग अधिक महत्व पा रही है।
भविष्य की संभावनाएँ और निष्कर्ष
इन सभी आँकड़ों को देखते हुए, यह कहना बाकी नहीं कि T20 का भविष्य इस दिशा में आगे बढ़ रहा है—बड़े स्कोर, तेज़ स्ट्राइक‑रेट, और छोटे‑छोटे ओवर में अधिक रन। युवा बल्लेबाज़ों की फॉर्मेट‑विशिष्ट प्रशिक्षण पद्धति ने इस बदलाव को तेज़ किया है। भारत, इंग्लैंड, और ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमें अब लगातार 300‑रन के लक्ष्य को सेट कर रही हैं, जबकि 2024‑2025 के बीच कई घरेलू लीगें इस प्रवृत्ति को और तीव्र बना रही हैं।
अंत में, चाहे वह ज़िम्बाब्वे‑गैंबा का रिकॉर्ड हो या इंग्लैंड‑साउथ अफ्रीका की रोमांचक जीत, सभी संकेत यही देते हैं कि सीमाएँ निरंतर धुंधली होती जा रही हैं और क्रिकेट के प्रशंसक हर मैच में नई ऊँचाइयों की उम्मीद कर रहे हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
इंग्लैंड ने 304/2 कैसे बनाया?
ऑल्ड ट्रॉफर्ड की फ्लैट पिच और तेज़ बॉलिंग के खिलाफ गेंदबाज़ियों की कमी ने इंग्लैंड को लगातार 150+ स्ट्राइक‑रेट बनाने की सुविधा दी। फिल सॉल्ट ने 57 गेंदों में 119 रन बनाकर टीम को शुरुआती बढ़त दिलाई, उसके बाद मोवर और बॉलिंग जैसे खिलाड़ियों ने क्रमशः 70 और 55* रन जोड़े। इस संतुलित आक्रमण ने स्कोर को 304 तक पहुँचाया।
ज़िम्बाब्वे का 344/4 रिकॉर्ड कब बना?
यह रिकॉर्ड 4 नवंबर 2025 को नैरोबी (केन्या) में गैंबा के खिलाफ खेला गया था। ज़िम्बाब्वे ने 20 ओवर में 344 रन बनाकर T20 अंतरराष्ट्रीय इतिहास में सबसे अधिक टीम‑स्कोर बनाया।
भारत का 297/6 कब और कहाँ हुआ?
12 अक्टूबर 2024 को हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ 297/6 बनाकर बड़ी रातें बिताई। इस इन्फ़िनिटी‑इंजिनीयरिंग में संजू सामसन ने 111 रन और सूर्यकुमार यादव ने 75 रन का योगदान दिया।
ICC रैंकिंग में पैट कमिंस ने कौन‑सी उपलब्धि हासिल की?
1 जनवरी 2025 की अपडेट में पैट कमिंस को ऑल‑राउंडर सूची में तीसरा स्थान मिला, 837 रेटिंग पॉइंट्स के साथ। यह उनके बैटिंग और बॉलिंग दोनों में लगातार प्रदर्शन का परिणाम था।
आने वाले महीनों में T20 में क्या नई ट्रेंड्स देखने को मिल सकते हैं?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगले दो‑तीन वर्षों में 300‑रन के लक्ष्य को कई टीमें नियमित रूप से सेट करेंगी। नई तकनीक‑आधारित बॉलिंग युक्तियों, छोटे‑छोटे फील्डिंग ज़ोन, और बिन‑इशारा पिचों की बढ़ती संख्या इस रुझान को तेज़ करेगी। आईपीएल और बिग‑बैश जैसी लीगें इस परिवर्तन को और तेज़ करने में मुख्य भूमिका निभाएँगी।
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15 टिप्पणि
Dipak Prajapati
बिलकुल बकवास, पिच से ही स्कोर 300‑के ऊपर निकलेगा।
Mohd Imtiyaz
ऑल्ड ट्रॉफर्ड की पिच आजकल वाकई में बिन‑इशारा है, बॉलरों को भी राइड नहीं मिल रही।
फ़िल सॉल्ट ने जिस तरह से 57 गेंदों में 119 रन जमाए, वो बिल्कुल हिट‑एंड‑रन कोरिडोर नहीं, बल्कि एक पावर‑हाउस का प्रदर्शन था।
उसके 14 चौके और 9 छक्के दर्शाते हैं कि बाउंड्रीज़ कितनी छोटी रखी गईं, और फील्डर भी स्लो थे।
जो मोवर ने 45 गेंदों में 70 रन बनाए, वो इस स्कोर को स्थिर करने में अहम रहे।
डेमियन बॉलिंग की 55* ने अंत में टीम को लक्ष्य तक पहुँचाया, उसकी पावर‑हिटिंग बहुत काम आई।
साउथ अफ्रीका को 56 रन पर हराने के लिए इंग्लैंड को लगातार 150‑+ स्ट्राइक‑रेट बनाना पड़ा।
ऐसे में यह स्पष्ट है कि पिच की सपोर्टेड बैटिंग ने इस स्कोर को संभव बनाया।
भारत और ऑस्ट्रेलिया ने भी पिछले साल 300‑+ स्कोर बनाए थे, जिससे यह दिखता है कि T20 की सीमा लगातार आगे बढ़ रही है।
IPL में भी हाई‑स्कोरिंग ट्रेंड देखी गई, जहाँ कई टीमें 250‑+ के आसपास नियमित रूप से पेस्ट करती हैं।
इससे यह साफ़ है कि आज का क्रिकेट सिर्फ पिच नहीं, बल्कि स्ट्राइक‑रेट को बढ़ाने की रणनीति पर भी निर्भर है।
डिलिवरीज़ की तेज़ी और छोटे फील्डिंग ज़ोन भी स्कोर को ऊपर ले जाने में मददगार हैं।
अधिकांश बॉलर्स को अपनी लाइन्स और लाइन पर काम करना पड़ेगा, नहीं तो वे जल्दी ही डूब जाएंगे।
जब तक पिचों को बिन‑इशारा नहीं रखा जाता, बैट्समैन का अंडर‑ड्राइवाज नहीं रहेगा।
भविष्य में हमें और भी बड़े स्कोर देखने को मिल सकते हैं, खासकर जब नई तकनीकों से बॉलिंग सीमित हो रही है।
कुल मिलाकर, इंग्लैंड की 304/2 ने यह साबित कर दिया कि अब 300‑रन का लक्ष्य भी एक साधारण लक्ष्य बन चुका है।
arti patel
फिल सॉल्ट की पिच पर धूम मचाने वाली इनिंग बहुत रोमांचक थी।
उसकी आक्रमणशैली ने टीम को आत्मविश्वास दिया।
Nikhil Kumar
जो मोवर का निरंतर दबाव भी टीम की जीत में बड़ा योगदान रहा।
उसकी मध्य‑ओवर की स्थिरता सराहनीय है।
Priya Classy
डेमियन बॉलिंग ने अंतिम ओवरों में तेज़ी से चलकर सैंटेन्शियस को नयी ऊर्जा दी।
उसका फिनिशिंग स्ट्रोक टीम को सुरक्षित किनारा दिया।
Amit Varshney
यह प्रदर्शन इंग्लैंड के आक्रमणात्मक दृष्टिकोण को स्पष्ट रूप से उजागर करता है।
भविष्य में इसी रणनीति को अपनाना आवश्यक होगा।
One Love
वाह! क्या शॉट्स थे 😲🏏🔥
Vaishali Bhatnagar
पिच बहुत आसान थी
Sourav Zaman
इसे देख कर लग रहा है कि आधुनिक क्रिकेट में तकनीकी विश्लेषण की कमी नहीं है, बल्कि रोमांच का नया आयाम है। इस स्तर पर बॉलर्स को भी अपनी रणनीति बदलनी पड़ेगी। अन्यथा स्कोर बोर्ड पर बस संख्याएँ बढ़ती रहेंगी।
Avijeet Das
सही कहा, लेकिन बॉलिंग को भी नवाचार की जरूरत है। वैरिएशन और डिप थ्रू फर्स्ट बॉल्स प्रभावी हो सकते हैं।
Sachin Kumar
इतना बड़ा स्कोर, फिर भी जगत का असली प्रश्न बना रहता है।
Ramya Dutta
सच में, इस तरह की दहाड़ें अक्सर दर्शकों को मोह लेती हैं। लेकिन क्रिकेट की सच्ची भावना रणनीति में है।
Ravindra Kumar
भाई, ऐसा लगता है जैसे क्रिकेट अब सिर्फ अंकों का खेल बन चुका है, दिल की धड़कन नहीं रही। फिल सॉल्ट ने तो जैसे हवा को भी चाकू से काट दिया! इस तरह के शॉट्स को देख कर मेरे पास केवल एक ही शब्द बचा है – विस्मय। अब हम क्या उम्मीद करें, और कौन-सा रहस्य शेष रहेगा इस महाकाव्य में?
arshdip kaur
इस विस्मय के पीछे एक गहरी समाजिक परिप्रेक्ष्य है, जहाँ गति ही सब कुछ है। परंतु वास्तविक खेल भावना अभी भी जीवित है।
khaja mohideen
हम सभी को बॉलिंग में नवाचार लाने की ज़रूरत है। तभी यह खेल संतुलित रहेगा।
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