मैचे की गाथा
24 फरवरी 2025 को रावलपिंडी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में गुञ्जते हरजाई की तरह धड़कनें तेज हो गईं, क्योंकि न्यूज़ीलैंड ने चैंपियंस ट्रॉफी के समूह‑ए में बांग्लादेश को 5 विकेट से पछाड़ दिया। टॉस जीतकर बांग्लादेश ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया, लेकिन 50 ओवर में 236/9 ही घड़ियाल घुसे। कप्तान नज्मुल होसैन शान्तो का 77 रन उनका एकमात्र चट्टान रहा, जिससे टीम 64/1 पर मजबूत थी, पर बाद में लगातार विकेट गिरते रहे।
न्यूज़ीलैंड के गेंदबाजों ने दबाव बनाया: माइकल ब्रेसवेल ने 10 ओवर में 4 विकेट सिर्फ 26 रन दे कर मैच की टोन बदल दी। उनके बाद विलियम ओ'रूर्क ने 2/48 का respectable प्रदर्शन किया। जाकर अली ने 45 रन का धड़ाधड़ सत्र दिया, जबकि बाकी बल्लेबाजों ने नौका को बसानी शुरू की।
236 लक्ष्य को पीछा करने में न्यूज़ीलैंड को शुरुआती झटका मिला; विल यंग और केन विलियमसन दोनों ही सस्ते में आउट हो गए। यहाँ राचिन रविंद्रा ने अपना जलवा दिखाया – 105 गेंदों में 112* बना कर टीम को स्थिर किया। उनका पार्टनर टॉम लैथम भी 55 रन 76 गेंदों में जोड़ते हुए बिनती को मिठास दिया। अंत में ग्लेन फिलिप्स ने 21 रन 28 गेंदों में सजे‑सवारे में टारगेट लेकर पहुँचा, जिससे न्यूज़ीलैंड ने 46.1 ओवर में 5 विकेट से जीत हासिल की।
- बांग्लादेश: 236/9 (Najmul Hossain Shanto 77, Jaker Ali 45)
- न्यूज़ीलैंड: 237/5 (Rachin Ravindra 112*, Tom Latham 55, Glenn Phillips 21)
- मुख्य गेंदबाज़ी: Michael Bracewell 4/26, William O'Rourke 2/48
- समूह‑ए में सेमीफ़ाइनल के लिए क्वालीफ़ायर्ड: न्यूज़ीलैंड, इंडिया
भविष्य की सुनहरी संभावनाएँ
जैसे ही पाकिस्तान का टोकन दोसर मैच में बिखर गया, टीम की आशाएँ झट से चूर हुईं। इस हार ने दिखा दिया कि समूह‑ए में न्यूज़ीलैंड की बैटिंग गहराई और बॉलिंग की संतुलित शक्ति दोनो ही बेज़ोड़ हैं। रविंद्रा की शतक उनकी नई स्थिति को रेखांकित करती है – अब वह अंतरराष्ट्रीय टीम में भरोसेमंद ऑर्डर बन चुके हैं।
कोचिंग स्टाफ ने कहा कि इस जीत के बाद टीम को आगे सिर्फ़ बिनलाइनों से नहीं, बल्कि फील्डिंग की तीव्रता से भी अगली चुनौतियों का सामना करना होगा। बांग्लादेश के लिए शान्तो के नेतृत्व में एक नई दिशा खुलती दिखती है; उनके 77 रन ने टेक टीम को भरोसा दिलाया कि यदि वे लगातार विकेट संभालें तो बड़ी चीज़ें हासिल कर सकते हैं।
सेमीफ़ाइनल में न्यूज़ीलैंड को भारत के खिलाफ सामना करना पड़ेगा, जहाँ दोनों टीमों की फॉर्म एक जैसे ही है। इस बार न्यूज़ीलैंड के पास लक़ी हुई ताक़तें हैं – तेज़ पिच, भरोसेमंद फाइनिंग और मध्य‑क्रम में रचनात्मकता। अब देखना यही है कि मैदान पर कौन‑से आईडियल मोमेंट्स इनकी जीत को पक्का करेंगे।
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