लोकसभा सत्र में प्रधानमंत्री मोदी की अपील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 18वें लोकसभा सत्र का उद्घाटन करते हुए जोरदार तरीके से देश की जनता के हित में काम करने की बात कही। उन्होंने विपक्ष को भी जिम्मेदारी से पेश आने की नसीहत दी। मोदी ने अपने भाषण में कहा कि लोग अब कार्रवाई और ठोस कदमों की अपेक्षा रखते हैं, खाली नारे और ड्रामा उन्हें पसंद नहीं आते।
तीसरी बार सत्ता में मोदी सरकार
मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने तीसरी बार देश की सत्ता संभाली है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में पार्टी को भारी बहुमत मिला था। मोदी ने इस अवसर पर अपनी सरकार की प्रतिबद्धता और जनता के प्रति समर्पण का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी तीसरी कार्यकाल में तीन गुना मेहनत करेगी और तीन गुना अधिक परिणाम लाएगी।
आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ का जिक्र
प्रधानमंत्री ने 25 जून को आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ का भी उल्लेख किया। उन्होंने इसे भारतीय लोकतंत्र पर लगा एक काला धब्बा बताया और कहा कि यह घटना हमें लोकतंत्र की अहमियत और उसकी रक्षा के लिए हमेशा सतर्क रहने का संदेश देती है।
राहुल गांधी की आधिकारिक नियुक्ति का इंतजार
ऐसा माना जा रहा है कि इस सत्र में राहुल गांधी को औपचारिक रूप से विपक्ष का नेता घोषित किया जाएगा। यह नियुक्ति भारतीय लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि एक प्रभावी विपक्ष ही सशक्त लोकतंत्र की पहचान होती है। मोदी ने उम्मीद जताई कि राहुल गांधी औपचारिक भूमिका में उन्हीं मानकों का पालन करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में यह भी कहा कि देश के लोग संसद की गरिमा को बनाए रखने की उम्मीद करते हैं। उनको भरोसा है कि सभी सांसद और विपक्षी नेता इस जिम्मेदारी को निभाएंगे और देश को एक अच्छी और स्थिर सरकार देंगे। उन्होंने कहा कि जनता ने उन्हें भारी जनादेश दिया है और वे इस विश्वास को टूटने नहीं देंगे।
लोकसभा सत्र की महत्वपूर्ण बातें
सत्र के पहले दिन ही प्रधानमंत्री मोदी ने जनता के प्रति अपने कर्तव्यों का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य गरीबों और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए काम करना है। इसके साथ ही कृषि, शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ के क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर सुधार लाने के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी। मोदी ने कहा कि सरकार सबसे पहले गरीब और जरूरतमंदों के लिए काम करेगी।
विपक्ष की भूमिका
प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष से भी अपील की कि वे सरकार के कामकाज में रचनात्मक भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार विपक्ष लोकतंत्र को मजबूत बनाता है। इसलिए विपक्ष को भी अपनी भूमिका निभानी चाहिए और जनता के हित में काम करना चाहिए।
प्रधानमंत्री का विजन
सत्र के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल का विजन भी साझा किया। उन्होंने कहा कि इस बार सरकार ने अपनी प्राथमिकताएं स्पष्ट कर दी हैं और काम करने की नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेगी। मोदी ने कहा कि देश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाएंगे और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करेंगे। साथ ही महिला सशक्तिकरण पर भी काम किया जाएगा।
मोदी ने यह भी कहा कि सरकार डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और स्वच्छ भारत अभियान जैसी योजनाओं को और अधिक विस्तार देने पर ध्यान देगी। ये योजनाएं देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
सत्र का महत्व
18वां लोकसभा सत्र वाकई महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह तीसरे कार्यकाल की शुरुआत है। यह सत्र दर्शाएगा कि सरकार किस दिशा में बढ़ेगी और क्या कदम उठाएगी। मोदी ने अपने भाषण में कहा कि सरकार ने अपने लक्ष्य निर्धारित कर लिए हैं और वह पूरी निष्ठा के साथ इन्हें पूरा करने में जुटी हुई है।
अंत में मोदी ने उम्मीद जताई कि सभी सांसद, चाहे वह सत्ताधारी पार्टी के हों या विपक्ष के, अपनी जिम्मेदारियों को समझेंगे और देश के हित में काम करेंगे। लोकसभा का यह सत्र देश की राजनीति के लिए ऐतिहासिक साबित हो सकता है।
एक टिप्पणी लिखें