जगदेसीन की लगातार शतकों की कहानी
जब भी विजय हजारे ट्रॉफी की बात आती है, इस साल के टूर्नामेंट की सबसे चमकदार लाइट नरयान जगदेसीन पर ही टिकी है। 29 साल के इस दाहिने हाथ के बैट्समैन ने लगातार चार शतक लगाकर विराट कोहली के घरेलू क्रिकेट के रिकॉर्ड को बराबर किया। यह सिलसिला सिर्फ अंक नहीं, बल्कि एक सच्ची स्थिरता का सबूत है—हर मैच में वह टीम को एक स्थिर और भरोसेमंद शॉट प्रदान कर रहा है।
पहला शतक वह अपने शुरुआती मैच में बना, जहाँ उसने 87 गेंदों में 112 रन बनाकर टीम को जीत दिलाने में मदद की। दूसरे शतक के बाद ही उन्होंने अपनी बल्लेबाज़ी में नई परिपक्वता दिखाई, जबकि तीसरे शतक में उन्होंने 134* की तेज़ रन‑स्कोरिंग की, जिससे तमिलनाडु का क्रमिक लक्ष्य आसान हो गया। अब चौथा शतक क़्वार्टर‑फ़ाइनल में राजस्थान के खिलाफ आया, जहाँ उन्होंने 268 रनों का पीछा करते हुए 73 गेंदों में 101 बनाकर अपने नाम का नया अध्याय लिखा।
क़्वार्टर‑फ़ाइनल का सबसे हाईलाइट वाला मोमेंट वह ओवर था, जिसमें जगदेसीन ने एक ही ओवर में सात चौके लगाए। दूसरा ओवर शुरू होते ही उन्होंने एक वाइड को चार में बदल दिया, फिर अगले छह गेंदों में लगातार चार‑चार मारकर 29 रन बनाकर क्रिकेट इतिहास में अपना नाम दर्ज किया। यह रिकॉर्ड अब तक किसी भी अंतरराष्ट्रीय या घरेलू मैच में नहीं देखा गया था, और इससे उनके साथियों को भी उड़ान भरने का इंधन मिला।

IPL 2025 में बेमिला, लेकिन राष्ट्रीय टीम में मौका
जब खिलाड़ी का घरेलू रिकॉर्ड इस कदर चमके, तो अक्सर IPL की बड़ी टर्निंग पॉइंट की उम्मीद की जाती है। लेकिन 2025 की मेगा ऑक्शन में जगदेसीन की कीमत नहीं बनी। 1500 पंजीकृत खिलाड़ियों में से केवल 182 को चुना गया, और 10 टीमों के पास वह नाम नहीं देख पाईं। यह राउंड उनके करियर का एक बड़ा चैलेंज बना, जबकि कई दिग्गज खिलाड़ी भी अनसोल्ड रहे।
आईपीएल में उनका पिछला अनुभव सीमित रहा—केवल 13 मैचों में 162 रन, औसत 18.00, और हाईस्ट 39* नॉट‑आउट। इस आँकड़े ने शायद उन्हें ऊँची बोली से बाहर रखा। फिर भी, इस बेमिली ने उनके मनोबल को नहीं तोड़ा। उन्होंने अपनी फॉर्म बनाए रखी और घरेलू टुर्नामेंट में लगातार परफ़ॉर्म किया, जिससे इनडियन टीम के सिलेक्शन कमिटी का ध्यान आकर्षित हुआ।
जुलाई 2025 में उन्हें भारत की राष्ट्रीय टीम में पहली बार बुलावा मिला, रिषभ पैंट के फुट फ्रैचर के कारण पाँचवें टेस्ट में जगह दी गई। यह कॉल‑अप उनकी मेहनत और लगन का प्रमाण है, और यह दिखाता है कि घरेलू क्रिकेट की सफलता कभी भी नजरअंदाज नहीं की जा सकती।
जगदेसीन का जन्म 24 दिसंबर 1995 को हुआ था, और वह तमिलनाडु की क्रिकेट अकादमी से निकले एक भरोसेमंद विकेटकीपर‑बेट्समैन हैं। 2020‑21 विजय हजारे ट्रॉफी में उन्होंने 217 रन बनाकर टीम के टॉप स्कोरर रहे, जिसमें पंजाब के खिलाफ उनका शतक था। इस बार के टुर्नामेंट में उन्होंने केवल छह मैचों में 303 रन बनाकर अपनी निरंतरता को और भी सुदृढ़ किया।
उनकी इस निरंतर पाईदा करने वाली फॉर्म कई युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है। वह न सिर्फ बल्ले से बल्कि फील्डिंग और विकेटकीपिंग से भी टीम को मूल्यवान योगदान देते हैं। उनके जैसे खिलाड़ी जब लगातार बड़े रिकॉर्ड बनाते हैं, तो यह भारतीय घरेलू क्रिकेट के भविष्य के लिए एक आशावादी संकेत बन जाता है।
भले ही IPL में उनका नाम नहीं आया, लेकिन विजय हजारे ट्रॉफी में उनका प्रदर्शन यह स्पष्ट कर देता है कि वह राष्ट्रीय स्तर पर अपनी जगह बनाने में सक्षम हैं। अब सवाल यह है कि क्या अगली बार उनकी फॉर्म को आईपीएल के बड़े मंच पर दिखाने का मौका मिलेगा।
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