समय पर मानसून: मध्य प्रदेश को मिली राहत
इस बार मध्य प्रदेश के दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों में मानसून ने बिल्कुल समय पर दस्तक दी है। 16 जून को मानसून बार-बार उमस और बेचैनी झेल रही जनता के लिए उम्मीद लेकर आया। खासकर बड़वानी, खरगोन, दक्षिणी खंडवा और बुरहानपुर में पहली बौछारें गिरीं। इन इलाकों में पहली फुहारों से खेतों की मिट्टी भी महक उठी और किसानों में खुशी का माहौल दिखा। लंबे अरसे के बाद तापमान कुछ कम हुआ, जिससे रोज़मर्रा के कामों में भी आसानी महसूस हुई।
इंडिया मीटिरोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) की भोपाल केंद्र प्रमुख दिव्या ई. सुरेंद्रन का कहना है कि पूरे प्रदेश में मानसून 25 जून तक फैल जाएगा। फिलहाल जिन जिलों में बारिश हुई, वहां रात में भी हल्की ठंडक महसूस हुई और कई जगह बिजली भी गुल रही। IMD के मुताबिक, अगले हफ्ते तक लगभग पूरा मध्य प्रदेश मानसूनी बारिश की चपेट में आ जाएगा।

कृषि और जल संकट पर असर
मध्य प्रदेश में जून के दूसरे हफ्ते तक तापमान तेजी से बढ़ जाता है, जिससे ग्रामीण इलाकों में पानी का संकट गहरा जाता है। लेकिन मानसून के आते ही अब तालाबों, कुओं और जलाशयों में पानी बढ़ने की उम्मीद है। यही बारिश किसानों के लिए खरीफ की बुआई का रास्ता तैयार करेगी। खासकर सोयाबीन, मूंग, और मक्का के लिए यही वक्त सबसे अहम माना जाता है।
IMD ने चेतावनी दी है कि बारिश के सक्रिय फेज में कई क्षेत्रों में भारी से अति भारी वर्षा हो सकती है। इसके चलते शहरों में जलभराव, सड़कों पर फिसलन, बिजली लाइनों में गड़बड़ी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। प्रशासन ने नदी-नालों के किनारे बसे गांवों और शहरी इलाकों में सतर्कता बरतने की अपील की है।
मानसून के आगमन से अब उम्मीद बंधी है कि भूजल स्तर सुधरेगा और खेतों को भरपूर पानी मिलेगा। ग्रामीण इलाकों में लोग अपने तालाब-सरोवरों की सफाई में जुट गए हैं ताकि बारिश का पानी व्यर्थ न जाए।
गौरतलब है कि इस साल मानसून ने केरल में 24 मई, 2009 के बाद सबसे जल्दी दस्तक दी थी, हालांकि बीच में उसकी रफ्तार कुछ सुस्त पड़ गई थी। लेकिन जून के दूसरे हफ्ते से फिर गति पकड़ ली। मध्य प्रदेश में समय पर बारिश बहुत जरूरी होती है, क्योंकि किसानों की आजीविका और नलकूपों का जलस्तर इसी पर निर्भर करता है।
अभी मौसम विभाग और प्रशासन दोनों ही अलर्ट मोड पर हैं। किसानों को सलाह दी जा रही है कि वे फसल बुआई की तैयारी रखें, और शहरवासियों को चेताया गया है कि तेज बारिश में अनावश्यक बाहर निकलने से बचें। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक मानसून इस बार औसत से ज्यादा बारिश ला सकता है, जिससे गर्मी और सूखे की चिंता फिलहाल कम हो गई है।
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