शेयर बाज़ार में विप्रो के प्रदर्शन की झलक
विप्रो के शेयरों में हाल ही में 4 प्रतिशत से अधिक का उछाल देखा गया, जो निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है। हालांकि, कंपनी की वित्तीय स्थिति ने कुछ चिंताएँ भी पैदा की हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 8 प्रतिशत घटकर 2,835 करोड़ रुपये पर आ गया। यह गिरावट कुछ हद तक बाजार की उम्मीदों से बेहतर थी, जो कि एक सकारात्मक संकेत है। लेकिन, मुख्य मुद्दा कंपनी के न्यूनतम राजस्व वृद्धि के पूर्वानुमान में निहित है।
आर्थिक चुनौतियाँ और विप्रो की रणनीति
हालांकि कंपनी ने चौथी तिमाही में मजबूत मुनाफ़ा कमाया, लेकिन आगामी वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के लिए विप्रो की राजस्व वृद्धि अनुमान -1.5 प्रतिशत से 0.5 प्रतिशत के बीच सीमित है, जो आर्थिक परिस्थितियों की अनिश्चितता को दर्शाता है। वैश्विक बाजार में आर्थिक मंदी और सलाहकारी व हाई-टेक जैसे क्षेत्रों में चुनौतियाँ कंपनी के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं। विप्रो का बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा (BFSI) क्षेत्र में 30 प्रतिशत से अधिक का पोर्टफोलियो है, जो कंपनी के राजस्व दृष्टिकोण को प्रभावित कर सकता है।
वेतन वृद्धि और हेडकाउंट में गिरावट
चौथी तिमाही के दौरान विप्रो की हेडकाउंट में 6,180 कर्मचारियों की कमी आई, जो लगातार छठे तिमाही में गिरावट दर्शाता है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए कुल कर्मचारियों की संख्या 234,054 रही, जिसमें सालाना 24,516 कर्मचारियों की कमी आई। यह गिरावट कंपनी की लागत को नियंत्रित करने की नीति का हिस्सा है, लेकिन इसका नकारात्मक असर भी हो सकता है। वेतन में बढ़ोतरी के कारण कंपनी की निरंतर आय वृद्धि की संभावना पर दबाव बढ़ गया है।
नया नेतृत्व और कारोबार में सुधार की उम्मीद
फिलहाल, कंपनी के CEO Thierry Delaporte को हटाकर Srinivas Pallia की नियुक्ति की गई है। यह बदलाव कंपनी के कारोबार में सुधार लाने की कोशिश का एक हिस्सा है। विप्रो की रणनीति में कर्मचारियों का निर्मलीकरण और आकर्षण दर को कम करना शामिल है, ताकि यह लाभांश बढ़ा सके। यहां तक कि विप्रो की नवीनतम रणनीतियों के प्रभाव को देखने में समय लगेगा, नकारात्मकता के बावजूद निवेशकों में इस बात की उम्मीद बनी हुई है कि कंपनी आने वाले समय में अपनी स्थिति मजबूत कर सकती है।
इन सबके बीच, विप्रो अपने मौजूदा कर्मचारियों का उपयोग बढ़ाने और आकर्षण दर को कम करने की कोशिश कर रही है ताकि मार्जिन को बढ़ावा मिल सके। हालांकि, लागत और आर्थिक माहौल की चुनौतियाँ विप्रो के लिए एक बड़ी चिंता बनी हुई हैं। कंपनी के लिए यह महत्वपूर्ण होगा कि वे अपने पोर्टफोलियो को विविधता दें और बाजार की अनिश्चितताओं के बीच अपने विकास की राह को पुनर्परिभाषित करें। इस दिशा में नए नेतृत्व से सकारात्मक परिवर्तन की उम्मीद की जा रही है।
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