विपक्ष
जब कोई सरकार चल रही हो, तो विपक्ष, एक ऐसा समूह जो सत्ता के खिलाफ आवाज़ उठाता है और नीतियों की जाँच करता है. यह सिर्फ विरोध नहीं, बल्कि लोकतंत्र की जान है। भारत में विपक्ष का मतलब सिर्फ एक दल नहीं, बल्कि उसकी जिम्मेदारी है — जब सरकार गलत रास्ते पर जाए, तो उसे रोकना। इसका काम सिर्फ संसद में नहीं, बल्कि देश के हर कोने में होता है। जब एक नीति आम आदमी को नुकसान पहुँचाए, तो विपक्ष उसकी आवाज़ बन जाता है।
संसद, भारत की सर्वोच्च विधायिका, जहाँ विपक्ष की आवाज़ सुनी जाती है के अंदर ही विपक्ष की ताकत दिखती है। जब कोई विपक्षी नेता बजट पर बात करता है, या किसी मंत्री को जवाब देने के लिए बुलाता है, तो वह सिर्फ चिल्ला नहीं रहा होता — वह लोगों का हक़ बचा रहा होता है। विपक्षी नेता, जो विपक्ष की ओर से संसद और देश के लिए जिम्मेदारी निभाते हैं की भूमिका बहुत बड़ी होती है। वे अक्सर वो लोग होते हैं जिन्हें देश भर में जाना जाता है, लेकिन जिनके बारे में सरकार चुप रहना चाहती है।
राजनीतिक विरोध, किसी नीति या फैसले के खिलाफ आवाज़ उठाना कभी-कभी शोर के रूप में दिखता है, लेकिन असल में यह देश की जाँच-बाँच है। जब बिहार में बारिश के कारण लोगों की मौत हो रही हो, तो विपक्ष कहता है — यह सिर्फ मौसम की गलती नहीं, बल्कि तैयारी की नाकामी है। जब भारतीय छात्रों को F-1 वीज़ा मिलने में देरी हो रही हो, तो विपक्ष यह सवाल उठाता है — यह किसकी ज़िम्मेदारी है? यही तो विपक्ष का मकसद है।
इस पेज पर आपको ऐसी ही ताज़ा खबरें मिलेंगी — जहाँ विपक्ष की आवाज़ सुनाई दे रही हो। कुछ खबरें तो बिल्कुल अप्रत्याशित हैं — जैसे जब कोई विपक्षी नेता एक क्रिकेट मैच के बाद भी एक बयान देता है, या जब एक निवेश का निर्णय विपक्ष द्वारा बाधित हो जाता है। यहाँ आपको विपक्ष की असली भूमिका, उसके नेताओं के फैसले, और उनके असर को समझने का मौका मिलेगा। ये खबरें बस राजनीति की नहीं, आपके दिनचर्या को भी छूती हैं।