झारखंड ट्रेन दुर्घटना और रेलवे सुरक्षा पर चिंता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में झारखंड में हुई एक और ट्रेन दुर्घटना पर केंद्र की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। 30 जुलाई, 2024 को हावड़ा-मुंबई मेल ट्रेन सिरीकेला-खरसावन जिले में पटरी से उतर गई, इस दर्दनाक हादसे में दो लोगों की जान चली गई और 20 अन्य घायल हो गए। ममता बनर्जी, जो खुद रेल मंत्री रह चुकी हैं, ने इस दुर्घटना को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की है और इसे एक गंभीर समस्या करार दिया।
दुर्घटना की पृष्ठभूमि
30 जुलाई को हावड़ा-मुंबई मेल ट्रेन, जो कि एक प्रमुख ट्रेन है, बाराबांबू के नजदीक एक स्थिर मालगाड़ी से टकरा गई। इस टक्कर के कारण ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए। मौके पर रेल और चिकित्सा टीमों ने तुरंत पहुंचकर बचाव कार्य शुरू किया। एनडीआरएफ की टीम भी बचाव कार्य में शामिल हुई और घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
ममता बनर्जी की प्रतिक्रया
ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस दुर्घटना पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने भाजपा सरकार की नीतियों और कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए और इस तरह की घटनाओं को 'हर हफ्ते का बुरा सपना' करार दिया। उन्होंने कहा कि जब से भाजपा सत्ता में आई है, तब से रेलवे की सुरक्षा मानकों में भारी गिरावट आई है। उन्होंने यह भी कहा कि क्या सरकार की उदासीनता का कभी अंत होगा?
उन्होंने सवाल किया कि आखिर कब तक देश की जनता ऐसी भयानक घटनाओं का शिकार होती रहेगी। ममता ने ये भी कहा कि रेलवे सुरक्षा और निगरानी की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होती है और राष्ट्रपति को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
रेलवे सुरक्षा पर सवाल
अक्सर देश भर में हो रही इन दुर्घटनाओं ने रेलवे सुरक्षा और प्रबंधन पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि रेलवे में उचित निरीक्षण, रखरखाव और तत्काल कार्रवाई की कमी के कारण ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। यात्रियों की बढ़ती संख्या और पुरानी होती इंफ्रास्ट्रक्चर के बीच समन्वय की कमी भी एक महत्वपूर्ण कारण है।
आंकड़े क्या कहते हैं?
रेलवे के आंकड़े बताते हैं कि पिछले पांच वर्षों में रेल दुर्घटनाओं की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है। वर्ष 2019 से 2023 के बीच कुल 250 से अधिक ट्रेनों की दुर्घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिसमें 500 से अधिक लोग अपनी जान गंवा बैठे और हजारों घायल हुए हैं। ऐसे में रेलवे सुरक्षा और परिचालन की गुणवत्ता पर सवाल उठना लाज़मी है।
सरकार की प्रतिक्रिया
भाजपा सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने रेलवे के सुधार के लिए अनेक कदम उठाए हैं। रेल मंत्री ने बयान जारी कर कहा कि दुर्घटना के कारणों की जांच की जा रही है और दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने ये भी कहा कि रेलवे की सुरक्षा हमारे लिए प्राथमिकता है और इसके लिए आधुनिक तकनीकी और संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है।
निष्कर्ष
झारखंड की ट्रेन दुर्घटना ने एक बार फिर से भारतीय रेलवे की सुरक्षा और प्रबंधन पर महत्वपूर्ण सवाल खड़े कर दिए हैं। ममता बनर्जी की निरंतर आलोचनाओं और जनता की बढ़ती शिकायतों के बीच यह देखना होगा कि सरकार इस दिशा में क्या ठोस कदम उठाती है। ट्रेन दुर्घटनाओं का यह सिलसिला अगर नहीं रुका, तो शायद जनता का विश्वास रेलवे पर से उठ जाएगा। हमें उम्मीद करनी चाहिए कि सरकार और संबंधित विभाग इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए उचित कदम उठाएंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
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