भारत का धमाकेदार प्रदर्शन: बल्लेबाजी में आक्रामकता, गेंदबाजी में सटीकता
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने दुबई में टी20 वर्ल्ड कप 2024 में श्रीलंका को जिस अंदाज में हराया, उसने पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने 82 रन की जबरदस्त जीत के साथ न सिर्फ अपना अब तक का सबसे बड़ा टी20 वर्ल्ड कप अंतर हासिल किया, बल्कि टूर्नामेंट के ग्रुप A में अपनी स्थिति भी मजबूत कर ली।
मैच में शुरुआत से ही भारत का शिकंजा दिखा। कप्तान हरमनप्रीत कौर और स्मृति मंधाना की जोड़ी एक बार फिर रन बरसाने में सफल रही। मंधाना ने जहां 50 रन बनाए, वहीं कौर 50 रन बनाकर नाबाद रहीं। इन दोनों की शानदार साझेदारी ने पारी को मजबूत आधार दिया। आखिर में ऋचा घोष ने सिर्फ 16 रन बनाए, लेकिन नाबाद रहकर जरूरी तेजी भी दी। भारत ने कुल 20 ओवर में 172/3 का स्कोर बनाया, जो किसी भी बड़े मुकाबले में जबरदस्त दबाव बनाता है।
शुरुआती ओवरों में श्रीलंका की गेंदबाजी थोड़ी सधी हुई रही, लेकिन मंधाना और कौर ने बीच के ओवरों में चौकों और छक्कों से मैच का रुख पलट दिया। ऐसे अहम मौकों पर अनुभवी बल्लेबाज का टिकना भारत के लिए बेहद फायदा लेकर आया। श्रीलंका की ओर से चामरी अटापट्टू और अमा कंचना ने एक-एक विकेट लिया, लेकिन वो भारतीय बल्लेबाजों के आत्मविश्वास में खलल नहीं डाल पाईं।
श्रीलंका की बल्लेबाजी ध्वस्त, भारत की गेंदबाजी ने कसा शिकंजा
श्रीलंका की पारी की शुरुआत तो जैसे बुरे सपने जैसी रही। सिर्फ 6 रन पर टीम के टॉप-3 बल्लेबाज पवेलियन लौट गए। भारतीय गेंदबाज शुरू से ही आक्रामक दिखीं। पहले ही ओवर से विकेट झटकना शुरू कर दिया, जिससे श्रीलंका दबाव में आ गई।
- श्रीलंका की कप्तान चामरी अटापट्टू सहित शुरुआती तीन बल्लेबाज़ पिच पर टिक ही नहीं पाईं।
- अंत में पूरी टीम 90 रन पर सिमट गई, जबकि मुकाबला 19.5 ओवर तक ही चल सका।
इस जीत का महत्व सिर्फ अंक तालिका तक सीमित नहीं है। जीत ने महिला टी20 वर्ल्ड कप में भारत का नेट रनरेट बढ़ा दिया, जिससे अब टीम पाकिस्तान और न्यूजीलैंड से ऊपर उठकर ग्रुप ए में शीर्ष पर पहुंच गई। इससे आगे के मुकाबलों के लिए भारत को बड़ा मनोबल मिलेगा।
गौर करने वाली बात यह भी है कि इसी टूर्नामेंट से पहले एशिया कप फाइनल में भी यही दोनों टीमें आमने-सामने थीं और तब भी फैसले में भारत का पलड़ा भारी रहा था। लगातार दूसरे बड़े मंच पर जीत ने भारतीय टीम की मजबूती साबित की। आक्रामक बल्लेबाजी, सधे हुए प्लान के साथ गेंदबाजी और फुर्तीली फील्डिंग, सबने मिलकर इसे ऐतिहासिक बना दिया।
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