दिल्ली-एनसीआर में भूकंप की तेज झटके
दिल्ली-एनसीआर के निवासियों ने 17 फरवरी 2025 की सुबह एक भयानक भूकंप का अनुभव किया। यह भूकंप 4.0 तीव्रता का था और इसका केंद्र दिल्ली के धौलाकुआं के समीप था, जिसकी गहराई केवल 5 किलोमीटर थी। जैसे ही सुबह के समय लोगों ने जमीन को हिलते हुए महसूस किया, दहशत का माहौल छा गया। अभी सभी गहरी नींद में ही थे और एकाएक इस झटके ने सबको घरों से बाहर निकलने को मजबूर कर दिया।
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (एनसीएस) ने इस भूकंप की पुष्टि की और बताया कि यह घटना दिल्ली समेत नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाज़ियाबाद के क्षेत्रों में भी महसूस की गई। विशेष रूप से ऊंची इमारतों में रहने वाले लोग तुरंत सुरक्षा के लिए इमारतों से बाहर आ गए।
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प्रधानमंत्री का संदेश और ऐतिहासिक घटनाएँ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए नागरिकों से धैर्य बनाए रखने और किसी भी अगली संभावित घटनाओं के लिए सतर्क रहने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयारी बेहद जरूरी है।
दिल्ली का यह क्षेत्र सेस्मिक जोन-IV में स्थित है और हिमालय तथा तिब्बती पठार के करीब होने के कारण यहां भूकंप का खतरा अक्सर बना रहता है। इस बार भूकंप का केंद्र सतह के पास होने के कारण जमीन की कम्पन अधिक महसूस की गई। इसके अलावा, भूकंप से उत्पन्न पी-वेव्स ने हवा में कंपन पैदा किया, जिससे जोरदार गड़गड़ाहट की आवाजें सुनाई दीं।
ऐतिहासिक दृष्टि से भी, दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में कई बड़े भूकंप आ चुके हैं, जैसे कि 1720 में दिल्ली में आए 6.5 तीव्रता के और 1956 के बुलंदशहर में आए 6.7 तीव्रता के भूकंप। हालांकि इस बार कोई जनहानि की खबर नहीं है, लेकिन इसने क्षेत्र की प्रकट भूकंपीय कमजोरियों को सामने लाकर भविष्य के जोखिमों की याद दिला दी है।
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