भारत की पुणे में वापसी की कोशिश
भारत ने बेंगलुरु में न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में अप्रत्याशित रूप से हार का सामना किया, जिससे विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के उनके खिताब की स्थिति में झटका लगा। टीम अब दूसरे टेस्ट में पुणे में अपनी प्रतिष्ठा को बनाए रखने की कोशिश कर रही है। पिछले टेस्ट में 46 रनों पर सिमट जाने के बाद, भारतीय बल्लेबाजों ने दूसरी पारी में 462 रन बनाए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और न्यूजीलैंड ने आठ विकेट से जीत दर्ज की। अब भारत इस नुकसान की भरपाई करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
कप्तान रोहित शर्मा के लिए चयन की चुनौतियां
कप्तान रोहित शर्मा के सामने टीम चयन को लेकर कई चुनौतियाँ हैं। खासकर ऊपर के क्रम में बहुत कुछ तय करना होगा, क्योंकि न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने पहले टेस्ट में भारतीय बल्लेबाजों को काफ़ी परेशान किया था। तेज गेंदबाज विलियम ओ'रोर्क, मैट हेनरी, और टिम साउथी की जोड़ी ने गेंदबाजी करते हुए बेंगलुरु में पिच की सीम कंडीशन्स का फायदा उठाया। शुभमन गिल की वापसी की उम्मीद है, ऐसे में या तो केएल राहुल या सरफराज खान को बाहर बैठना पड़ सकता है। जबकि केएल राहुल को लगातार प्रदर्शन में समस्या रही है, सरफराज का बेंगलुरु में किया गया जुझारू 150 स्कोर उनके लिए संभावनाओं का दरवाजा खोलता है।
पुणे की पिच का महत्व
पुणे के एमसीए स्टेडियम की पिच क्रिकेट विश्व में चर्चित बनी हुई है। बेंगलुरु की पेस फ्रेंडली पिच से अलग, पुणे की पिच में कम उछाल की उम्मीद है, और इसकी काली मिट्टी स्पिनरों को अधिक मदद कर सकती है। भारत के पास स्पिन अनुकूल पिच तैयार करने की संभावना है, लेकिन इतिहास उन्हें सावधानी बरतने की सलाह देता है। 2016 में, ऑस्ट्रेलिया ने इसी तरह की पिच पर भारत को 333 रन से हराया था, और पिछले साल इंदौर में भी ऑस्ट्रेलिया ने टर्निंग ट्रैक पर जीत दर्ज की थी।
स्पिनरों का अहम योगदान
भारत के स्पिनरों से विशेषत: रवीचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा से बहुत उम्मीदें जुड़ी हुई हैं। पुणे की स्पिन फ्रेंडली स्थिति में ये दोनों स्पिनर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। वाशिंगटन सुंदर के पास बाएं हाथ के बल्लेबाजों जैसे टॉम लाथम और डेवॉन कॉनवे के खिलाफ गेंद को घुमाने की क्षमता है, जो भारतीय टीम के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। हालांकि न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन की अनुपस्थिति उनके मध्य क्रम के लिए चिंता का कारण बनी हुई है।
न्यूजीलैंड की तैयारी और संभावनाएं
न्यूजीलैंड की टीम के पास कई धुरंधरों का सहयोग है और उनकी पहले टेस्ट की जीत की लय यहाँ भी मायने रखेगी। रचिन रवींद्र का ऑलराउंड प्रदर्शन और विल यंग का धैर्य उन्हें आगे बढ़ने का आत्मविश्वास देगा। टीम के खिलाड़ी डेरिल मिचेल और टॉम ब्लंडेल को विशेष रूप से प्रदर्शन में सुधार करने की आवश्यकता होगी, खासकर जब वे अश्विन और जडेजा के खिलाफ खेलेंगे, क्योंकि पिच स्पिनरों के अनुकूल होगी।
तेज़ गेंदबाजों की भूमिका
भारतीय तेज गेंदबाजों को भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। मोहम्मद सिराज, जिनका हालिया फॉर्म सवालों के घेरे में है, का स्थान अकशदीप को मिल सकता है जिन्होंने टेस्ट से पहले विस्तारित नेट सेशन लिया था। जसप्रीत बुमराह भारतीय टीम के लिए महत्वपूर्ण बने रहेंगे क्योंकि वे सीरीज को बराबरी पर लाना चाहेंगे। यह मुकाबला दोनों टीमों के लिए संघर्ष की कहानी होगी, जिन्हें महत्वाकांक्षाओं की गहमागहमी का सामना करना पड़ेगा। भारत अपने घरेलू प्रभाव को दोबारा स्थापित करने के लिए गलतियों को सुधारने की कोशिश करेगा, जबकि न्यूजीलैंड अपनी जीत की लय को कायम रखते हुए भारत में एक ऐतिहासिक सीरीज जीतने का सपना देखेगा।
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