अर्चना माखवाना का योग प्रदर्शन विवाद: स्वर्ण मंदिर में केस दर्ज
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर स्वर्ण मंदिर जैसे पवित्र स्थल पर योग प्रदर्शन के मामले में लाइफस्टाइल इन्फ्लुएंसर अर्चना माखवाना को भारी विवाद का सामना करना पड़ा है। पंजाब पुलिस ने माखवाना के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 295ए के तहत धार्मिक भावनाओं को आहत करने का मामला दर्ज किया है। इस कार्रवाई के पीछे पंजाब के प्रमुख धार्मिक संगठन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) का सक्रिय योगदान रहा।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर प्रदर्शन
अर्चना माखवाना ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर स्वर्ण मंदिर के प्रांगण में योगासन करते हुए एक वीडियो और कुछ तस्वीरें पोस्ट की थीं। उन्होंने यह वीडियो और तस्वीरें बिना किसी गलत मंशा के पोस्ट की थीं। अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में उन्होंने कहा था कि वह यह नहीं जानती थीं कि स्वर्ण मंदिर के परिसर में योग करना किसी के लिए आपत्तिजनक हो सकता है। वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद, माखवाना को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा।
SGPC की आपत्ति और प्रतिक्रिया
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी और समिति के प्रवक्ता ने माखवाना के इस कृत्य की कड़ी निंदा की है। उनके अनुसार, स्वर्ण मंदिर एक पवित्र स्थल है और यहां किसी भी प्रकार की गतिविधि जो धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ हो, बर्दाश्त नहीं की जा सकती। SGPC ने इस मामले में अर्चना माखवाना के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और उनके इरादों की गहन जांच की मांग की है।
माखवाना की माफी और प्रतिक्रिया
अर्चना माखवाना ने अपने आलोचकों से माफी मांगते हुए अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट डालकर कहा कि उनका किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का कोई इरादा नहीं था। उन्होंने यह भी जोर दिया कि वह इस बात से अनजान थीं कि स्वर्ण मंदिर परिसर में योग करना अनुचित माना जा सकता है। विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने वह वीडियो और तस्वीरें अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स से हटा दी थीं।
हालांकि, अपनी माफी के बावजूद, माखवाना को कई धमकियों का सामना करना पड़ा। उन्हें फोन कॉल्स के जरिए जान से मारने की धमकियां दी गईं। इस मामले ने माखवाना और उनके परिवार को काफी विचलित किया है और उन्होंने पुलिस सुरक्षा की मांग की है।
धारा 295ए के तहत मामला दर्ज
पंजाब पुलिस ने अर्चना माखवाना के खिलाफ धारा 295ए के तहत मामला दर्ज किया है। यह धारा उन कृत्यों को दंडित करती है जो जानबूझकर और दुर्भावना से किए जाते हैं और जिनका उद्देश्य किसी धर्म या धार्मिक विश्वास का अपमान करना होता है। पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही है और माखवाना के योग प्रदर्शन के पीछे के इरादों की जांच कर रही है।
धार्मिक स्थलों का महत्व और संवेदनशीलता
स्वर्ण मंदिर जैसे धार्मिक स्थलों की अहमियत और उनकी पवित्रता को संजोना हर व्यक्ति का कर्तव्य है। धार्मिक स्थलों पर किसी भी प्रकार की गतिविधि करने से पहले उनके नियम और मर्यादाओं का पूर्ण आदर और समझ आवश्यक है। माखवाना का यह कृत्य किसी खास मंशा से किया गया हो या नहीं, यह सवाल है, लेकिन इससे यह जरुर सिद्ध होता है कि हमें हर धार्मिक स्थल की मर्यादा का सम्मान करना चाहिए।
आवश्यक सावधानी की नसीहत
यह घटना सभी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के लिए एक सबक है कि वे किसी भी पवित्र स्थल पर अपनी कोई गतिविधि करने से पहले संबंधित स्थान के नियमों और धार्मिक मान्यताओं को अवश्य जानें और उनका पालन करें। हमने अर्चना माखवाना के मामले में देखा कि अनजाने में की गई एक चूक किस तरह से बड़े विवाद का कारण बन सकती है।
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