भारत के लिए तगड़ा झटका
पेरिस 2024 ओलंपिक के सेमी-फाइनल मुकाबले में भारत और जर्मनी के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला, जहां भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने आंकड़ा बदलने के लिए पूरी कोशिश की, लेकिन अंत में वे जर्मनी से 3-2 से हार गई। इस हार के बावजूद, भारतीय टीम ने अपने प्रदर्शन से सभी का दिल जीत लिया।
मैच का रोमांचक आरंभ
इस महत्वपूर्ण मैच में, भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने सातवें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर के माध्यम से गोल कर के टीम को बढ़त दिलाई। यह गोल भारतीय टीम के लिए एक मजबूत आरंभ का संकेत दे रहा था और दर्शकों में भी उत्सा बढा।
जर्मनी की प्रतिक्रिया
हालांकि, जर्मनी, जो वर्तमान में विश्व चैंपियन है, ने तेज प्रतिक्रिया दिखाई और खेल के 18वें मिनट में गोंज़ालो पेलियट ने गोल कर के स्कोर बराबर किया। इसके बाद, 27वें मिनट में क्रिस्टोफर रूहर ने भी पेनल्टी स्ट्रोक को सफलतापूर्वक गोल में बदल कर जर्मनी को बढ़त दिला दी।
भारत की कोशिश
भारतीय टीम ने हार मानने का नाम नहीं लिया और 36वें मिनट में सुखजीत सिंह ने पेनल्टी कॉर्नर से गोल कर के स्कोर को फिर से बराबर कर लिया। यह गोल भारतीय टीम के समर्थकों के लिए एक राहत की सांस साबित हुआ और उम्मीदों को जिंदा रखा।
निर्णायक क्षण
मैच की 54वें मिनट में जर्मनी के मार्को मील्टकाउ ने निर्णायक गोल कर के जर्मनी को 3-2 से जीत दिलाई। भारतीय टीम ने कुल 11 पेनल्टी कॉर्नर अर्जित किए, लेकिन केवल एक ही गोल में बदल पाए। इसके विपरीत, जर्मनी ने अपने चार में से दो पेनल्टी कॉर्नर को सफलतापूर्वक गोल में बदला।
भविष्य की उम्मीद
इस हार के बावजूद, भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन किया और अब उनकी नजरें कांस्य पदक पर हैं। भारत अब सेमी-फाइनल में हार के बाद स्पेन के खिलाफ कांस्य पदक के लिए मुकाबला करेगा। यह मौका भारतीय टीम के लिए फिर से पदक हासिल करने और अपना गौरव बढ़ाने का होगा।
फाइनल मुकाबला
वहीं, जर्मनी अब फाइनल मुकाबले में नीदरलैंड्स का सामना करेगी। भारत की हार ओलंपिक के फाइनल में प्रवेश करने का एक सुनहरा मौका था, जिसे वे 1980 के बाद से नहीं पा सके थे। लेकिन अब भी, भारतीय टीम के पास कांस्य पदक जीतने का मौका है, जो उनके प्रदर्शन और मेहनत का प्रतीक होगा।
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