28 जुलाई 2025: खास तिथि, नक्षत्र और शुभ समय
श्रावण मास का महीना चल रहा है, और सोमवार 28 जुलाई 2025 हिन्दू पंचांग के हिसाब से शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का दिन है। यह तिथि रात 11:42 बजे तक रहेगी, उसके बाद पंचमी तिथि शुरू होगी। ज्योतिष और परंपरा के लिहाज से श्रावण सोमवार और चतुर्थी का संयोग बेहद खास मानते हैं, ऐसे में व्रत, पूजा और विशेष उपाय आज के लिए उपयुक्त माने जाते हैं।
नक्षत्र की बात करें तो यह दिन पूर्वा फाल्गुनी से उत्तर फाल्गुनी में परिवर्तित होगा, जो स्थान-विशेष पर निर्भर करता है। योग में भी वेरियान और परिघ योग का प्रभाव देखने को मिलेगा। ये दोनों योग पूजा-पाठ, यात्रा, लेन-देन और नए कार्यों के लिए ठीक माने जाते हैं।
सुबह सूर्योदय 5:14 से 5:40 बजे के बीच आपके शहर के अनुसार होगा, जबकि सूर्यास्त का वक्त 6:37 से 7:15 बजे तक रहेगा। अगर आप पंचांग देखकर हर काम शुरू करते हैं, तो समय का विशेष ध्यान जरूर रखें।

शुभ मुहूर्त, राहुकाल और ग्रहों की स्थिति
आज कौन सा समय किस काम के लिए शुभ है, यह जानना कई लोगों के लिए जरूरी होता है। ब्रह्म मुहूर्त में, यानी सुबह 4:17 से 4:59 बजे के बीच, ध्यान, साधना या जप का विशेष महत्व है। विजय मुहूर्त दोपहर 2:43 से 3:37 बजे तक है, जो नई योजनाओं की शुरुआत या महत्त्वपूर्ण निर्णय के लिए उपयुक्त है। निशीथ काल यानी आधी रात 12:07 से 12:49 बजे ज्योतिष साधना और विशेष अनुष्ठान के लिए शुभ माना गया है। सूर्यास्त के बाद गोधूलि बेला भी (7:15 से 7:36 बजे) नए कार्य और मांगलिक कामों के लिए अनुकूल है।
राहुकाल को अशुभ समय माना जाता है। आज इसका समय 7:22 से 9:04 बजे तक है, जबकि कुछ जगहों पर 7:30 से 9:00 बजे तक माना जाता है। इस दौरान कोई भी नया या महत्वपूर्ण कार्य शुरू करने से बचना चाहिए। अन्य अशुभ काल जैसे यमगंड (10:46 से 12:27 तक), कुलिक (2:09 से 3:51 तक) और दुर मुहूर्त (12:55 से 1:49 और 3:37 से 4:32 तक) विशेष सावधानी की मांग करते हैं।
ग्रहों की चाल पर नजर डालें तो, सूर्य और बुध कर्क में हैं, चंद्रमा और मंगल सिंह में, गुरु और शुक्र मिथुन मे, शनि मीन में, राहु कुम्भ में जबकि केतु सिंह राशि में मौजूद हैं। यह स्थितियां आपके राशिफल और दिनचर्या दोनों पर असर डाल सकती हैं। विशेष बात यह भी कि रविवारीय योग सुबह 5:40 से शाम 5:35 बजे तक रहेगा, जो धार्मिक अनुष्ठानों और शुभ कार्यों के लिए अच्छा है।
श्रावण मास की चतुर्थी पर शिव पूजा, व्रत और भगवान गणेश की आराधना का अलग ही महत्व है। बहुत से लोग इस दिन फलाहार, अभिषेक या विशेष उपवास रखते हैं। कारोबार, स्वास्थ्य, और शिक्षा आदि से जुड़े कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त देखकर आगे बढ़ने की सलाह दी जाती है।
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