GMP वृद्धि: IPO के ग्रे मार्केट में बढ़ती रुचि और निवेशकों के लिए महत्व

जब कोई कंपनी IPO लाती है, तो उसके शेयर अभी तक बाजार में नहीं आए होते, लेकिन अगर लोग उसके भविष्य को देखकर तैयार हो जाते हैं, तो वो उसे GMP वृद्धि, IPO के लिए ग्रे मार्केट में तय होने वाला अतिरिक्त प्रीमियम, जो निवेशकों की मांग को दर्शाता है के रूप में खरीदने लगते हैं। ये असली कीमत से ऊपर की कीमत होती है, और ये बताती है कि शेयर लिस्टिंग के बाद कितना लाभ हो सकता है। जब GMP वृद्धि बढ़ती है, तो ये सिग्नल होता है कि बाजार में उत्साह बढ़ रहा है।

उदाहरण के लिए, LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया, भारत में उपभोक्ता ड्यूरेबल्स का एक बड़ा ब्रांड, जिसने 2025 में ₹11,607 करोड़ का IPO लॉन्च किया के IPO में GMP वृद्धि 29% हो गई। ये बहुत बड़ी संख्या है। इसका मतलब था कि लोग उस कंपनी पर भरोसा कर रहे थे। ऐसे में Angel One, एक प्रमुख ब्रोकरेज फर्म जो IPO की सिफारिश करती है और Motilal Oswal जैसी कंपनियाँ भी इसे सिफारिश करने लगीं। ये निवेशकों को आश्वासन देता है कि ये IPO सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि एक अच्छा मौका है। इसी तरह, बोराना वेव्स, गुजरात की एक टेक्सटाइल कंपनी जिसने 2025 में IPO लॉन्च किया के लिए GMP वृद्धि 148.75× तक पहुँच गई, जो दर्शाता है कि छोटे निवेशक भी इसमें बहुत जोश से शामिल हो रहे हैं।

GMP वृद्धि सिर्फ एक नंबर नहीं है—ये बाजार की भावना का प्रतिबिंब है। अगर कोई IPO बहुत ज्यादा सब्सक्राइब हो रहा है और GMP बढ़ रहा है, तो इसका मतलब है कि लोग उसके बाद के प्रदर्शन पर भरोसा कर रहे हैं। ये अक्सर उस कंपनी के बिजनेस मॉडल, ब्रांड की मजबूती या उद्योग के भविष्य के बारे में भरोसा होता है। अगर आपको IPO में निवेश करना है, तो GMP वृद्धि को एक अच्छा इंडिकेटर मानें, लेकिन उसके बाद भी फंडामेंटल्स चेक करें। यहाँ आपको LG इलेक्ट्रॉनिक्स, बोराना वेव्स और अन्य IPO के बारे में ताजा अपडेट मिलेंगे, जिनकी GMP वृद्धि ने बाजार को हिला दिया है।