दीपिंदर गोयल – ज़ोमैटो और भारतीय फूड टेक का पीछे का दिमाग

When working with दीपिंदर गोयल, भारतीय फूड टेक के अग्रणी, ज़ोमैटो के सह-संस्थापक. Also known as Deepinder Goyal, he turned a simple restaurant‑listing idea into a nationwide delivery powerhouse.

His partner ज़ोमैटो, ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग और डिलीवरी प्लेटफ़ॉर्म started in 2008 as Foodiebay, a local guide for eateries in Delhi. By 2010 it rebranded as Zomato and entered the फ़ूड डिलीवरी, भोजन को ग्राहक तक पहुँचाने की सेवा segment. The shift required robust लॉजिस्टिक्स, ऑर्डर, पैकेजिंग और रूट ऑप्टिमाइज़ेशन and cutting‑edge टेक्नोलॉजी, मोबाइल एप, डेटा एनालिटिक्स और AI.

दीपिंदर गोयल ने कहा, “खाना सिर्फ एक ज़रूरत नहीं, ये एक अनुभव है।” यह विचार ज़ोमैटो के प्रोडक्ट रोडमैप में दिखता है: रेस्तराँ खोज से लेकर रीयल‑टाइम ट्रैकिंग तक, हर कदम को डिजिटल बनाया गया। उनका दावा है कि भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम, उद्यमियों, निवेशकों और नेटवर्किंग का माहौल ने ज़ोमैटो की गति को तेज किया। एंजेल फंडिंग से लेकर सिलिकॉन वैली के VC तक, विभिन्न स्तरों पर पूंजी प्रवाह ने कंपनी को 10+ बाजारों में विस्तार करने दिया।

ज़ोमैटो की प्रमुख मील के पत्थर

2008‑2013: स्थानीय रेस्तराँ लिस्टिंग से शुरू, 2015‑2020: डिलीवरी नेटवर्क बनाना, 2021 में NSE पर IPO, सार्वजनिक सूचीकरण, जो कंपनी को नई पूँजी प्रदान करता है के साथ झटके वाला कदम। हर चरण में दीपिंदर ने निरंतर सीख ली: डेटा‑ड्रिवन मेन्यू अनुशंसा, एआई‑आधारित डिलीवरी रूटिंग, और हाल ही में क्लाउड किचन, जंक्शन पॉइंट जहाँ कई ब्रांड एक ही रसोई में तैयार होते हैं मॉडल का परीक्षण किया। ये सब दिखाता है कि “फ़ूड डिलीवरी तकनीक पर निर्भर है” – एक सच्चा semantic triple जो इस इकोसिस्टम को जोड़ता है.

आज ज़ोमैटो की टीम 25,000 से अधिक लोगों की है, जिसमें कैजुअल डिलीवरर्स, डेटा साइंटिस्ट, मार्केटिंग प्रोफेशनल शामिल हैं। कंपनी ने भारत के 30+ शहरों में ऑपरेशन्स फोकस किया, साथ ही एशिया‑पैसिफिक में भी गिरोजन को चेक किया। इसकी सफलता का एक बड़ा कारण निवेशक, जो फंडिंग, रणनीतिक मार्गदर्शन और नेटवर्क प्रदान करते हैं की भरोसेमंद सहभागिता रही है। दीपिंदर के अनुसार, “सिर्फ पूँजी नहीं, सही मार्गदर्शन स्टार्टअप को स्केलिंग में मदद करता है.”

भविष्य की दृष्टि में ज़ोमैटो AI‑ड्रिवन ऑर्डर प्रेडिक्शन, ड्रोन डिलीवरी और सस्टेनेबिलिटी प्लेटफ़ॉर्म के साथ विकास की योजना बना रहा है। यह समझना जरूरी है कि “फ़ूड टेक का आगे का रास्ता टेक्नोलॉजी, लॉजिस्टिक्स और कस्टमर अनुभव के मेल से तय होगा.” यही कारण है कि भारतीय उद्यमियों को दीपिंदर के अनुभव से सीख लेनी चाहिए – प्रोडक्ट‑फिट की खोज, तेज़ी से पिवट करना, और बाजार में भरोसा बनाना.

नीचे आप को ज़ोमैटो, फूड डिलीवरी और भारतीय स्टार्टअप पर विभिन्न पहलुओं से जुड़े लेख मिलेंगे – चाहे आप एक उद्यमी हों, निवेशक, या सिर्फ भोजन प्रेमी, यह संग्रह आपके लिए उपयोगी दृष्टिकोण प्रदान करता है. चलिए देखते हैं कैसे दीपिंदर गोयल ने भारतीय खाने की डिजिटल दुनिया को बदल दिया और आने वाले समय में किन चुनौतियों का सामना कर सकता है।